जैक्सन की अंतिम यात्रा को 2.5 मिलियन लोगों ने देखा था जो कि अब तक का सबसे लंबा लाइव टेलीकास्ट किये जाने वाला कार्यकर्म है। जिस दिन उनकी मृत्यु हुई, यानी 25 जून 2009 को दोपहर 3.15 बजे, विकिपीडिया, ट्विटर, AOL के इंस्टेंट मैसेंजर, बहुत ज़्यादा लोगो द्वारा एक ही समय में मैसेज किये जाने पर काम करना बंद कर दिए थे। लगभग 800k लोगों द्वारा Google पर माइकल जैक्सन को सर्च किया गया था।
जैक्सन ने मौत को चुनौती देने की कोशिश की लेकिन मौत ने उसे आ पकड़ा। यह मदयतपसंद (materialistic) दुनिया है - इसके पीछे जो जितना लगता है यह उससे उतना दूर भागती है, यह दुनिया एक धोके का घर और मकड़ी के जाले की तरह है।
यही जीवन का नियम है।
सवाल पर आते हैं, अब सोचता हूं। क्या हम बिल्डर्स, इंजीनियरों, डिजाइनरों या सज्जाकारों के लिए धन कमा रहे हैं?
हम महंगे घरों, कारों और असाधारण शादी दिखाकर किसे प्रभावित करना चाहते हैं?
क्या आपको शादी के रिसेप्शन पर खाने की चीजें याद हैं जो आपने कुछ दिन पहले खायी थीं?
हम जीवन में एक जानवर की तरह काम क्यों कर रहे हैं?
आराम के लिए हम कितनी पीढ़ियों को बचाना चाहते हैं? हम में से अधिकांश के एक या दो बच्चे हैं या होंगे।
क्या आपने कभी सोचा है कि हमें कितने की ज़रूरत है और हमें कितना चाहते है?
क्या हम मानते हैं कि हमारे बच्चे ज्यादा कमाई नहीं कर पाएंगे और इसलिए इसे बचाना जरूरी है?
क्या आप अपने व्यस्त कार्यक्रम से अलग अपने, परिवार या दोस्तों के साथ कुछ समय बिताते हैं?
क्या आप अपनी कमाई का 5% खुद पर खर्च करते हैं?
हम जो कमाते हैं उसके साथ जीवन में खुशी क्यों नहीं पाते हैं?
यदि आप गहराई इन बातों को सोचेंगे, तो आपका दिल काम करने में विफल हो सकता है, हकीकत जानकर आप स्लिप डिस्क, उच्च कोलेस्ट्रॉल, अनिद्रा, अवसाद, आदि से पीड़ित हो सकते है।
निष्कर्ष: ये बातें कहने के लिए नहीं हैं।
कुछ समय अपने लिए भी निकाले। हमारी कोई संपत्ति नहीं है, यह सिर्फ एक धोका है जो मोत पर ख़त्म हो जायेगा। यह केवल कुछ दस्तावेजों में है कि हमारा नाम अस्थायी रूप से लिखा गया है। जब हम कहते हैं, "यह मेरी संपत्ति है", खुदा भी हमारी इस बेवकूफी पर मुस्कुराता होगा। अपनी कार या कपड़ो को दिखाकर किसी व्यक्ति को नीचा न दिखाये।हमारे महान गणितज्ञों और वैज्ञानिकों ने आने-जाने के लिए साइकिल या स्कूटर का इस्तेमाल कियाकरते थे और आज उनका नाम ज़िंदा है और उनकी कोई संपत्ति हमे नहीं दिखती सिर्फ ज्ञान और दया भाव के, जिसका एक बेहतरीन उद्धरण डॉ एपीजे कलाम साहब है।
अमीर होना कोई पाप नहीं है, लेकिन केवल पैसे से अमीर होना एक बहुत बड़ा पाप है।
जीवन को नियंत्रित करें अन्यथा जीवन आपको नियंत्रित कर देगा। जीवन के अंत में जो चीजें वास्तव में मायने रखती हैं, वे हैं संतोष, संतुष्टि और शांति। अफसोस की बात यह है कि इन्हें खरीदा नहीं जा सकता।
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