क्या साउथ की फिल्में बॉलीवुड की फिल्मों से अच्छे हैं |

 जहां बॉलीवुड की फिल्में अपनी अश्लीलता से पैसा कमाती है।

वही साउथ फिल्म इंडस्ट्री की फिल्में भारतीय संस्कृति हिंदू दर्शन और सद्भावना को मध्य नजर रखते हुए और संस्कारों को फिल्मों के केंद्र में रखते हुए मूवीज का निर्माण करती है ।

यदि हम बॉलीवुड की फिल्मों को देखेंगे तो हर एक फिल्म में हिंदू संस्कृति पर कुछ ना कुछ आरोप कुछ ना कुछ आघात जरूर करते हैं लेकिन यदि हम साउथ की फिल्मों को देखेंगे तो साउथ की फिल्मों में पारिवारिक समभाव और परिवार में प्रेम से रहना यह शिक्षा वहां की हर एक मूवी में देखने को मिलेगी

जहां बॉलीवुड में एक दो अश्लील डांस डाल देंगे लड़के लड़की को नग्न दिखा देंगे और भारत देश की युवा पीढ़ी को नशे की ओर अग्रसर कर देंगे

देखने से स्पष्ट पता चलता है कि बॉलीवुड का उद्देश्य मात्र पैसा कमाना है और साउथ इंडस्ट्री का उद्देश्य पैसा कमाने के साथ-साथ संस्कारों को पल्लवित करना भी है।

बॉलीवुड इंडस्ट्री के जितने भी सुपरस्टार हैं पारिवारिक झगड़े एक दूसरे से मनमुटाव भेदभाव एक दूसरे की टांग खींचना बस यही चलता रहता है और साउथ इंडस्ट्री की बात करें तो वहां पर जितने भी नए कलाकार आते हैं वह अपनी कामयाबी का श्रेय अपने माता-पिता आदि को देते हैं।

यही फर्क है की साउथ की मूवीस बॉलीवुड की मूवी जिसे गुणवान होती है।

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