हम में से बहोत से लोग हैं, जो इस बात को जानते हैं और मानते भी हैं के, हमारे देश में या फिर इस दुनिया में बहोत से ऐसे रहस्य हैं, जिन्हें अभी तक विज्ञान भी नहीं solve कर पाया, तो चलिए जानते हैं कुछ ऐसी ही Unsolved Mystery को
Number-1 न काटने वाले बिच्छू:
दरअसल ये बात उत्तर प्रदेश के अमरोहा की है, कहा जाता है कि 800 वर्ष पहले ईरान के एक सूफी संत सैयद शर्फुद्दीन शाह ने यहां अमरोहा में आकर अपना डेरा डाला था, पर अमरोहा में पहले से रह रहें बाबा शाह नसरूद्दीन को यह बात अच्छी नहीं लगी, इसलिए उन्होंने सैयद शर्फुद्दीन शाह के पास में एक कटोरे में पानी भेजा और बोले के वो यहाँ से चले जाएँ, पर सैयद शर्फुद्दीन शाह ने बाबा शाह नसरूद्दीन के भेजे पानी के कटोरे को ढक कर उसके ऊपर से एक फूल रख कर वापस कर दिया, और कह दिया कि वह इस शहर में ऐसे ही रहेंगे जैसे इस कटोरे के ऊपर यह फूल, इसके बाद में बाबा शाह नसरूद्दीन ने सैयद शर्फुद्दीन शाह को बद्दुआ दे दी, और कहा कि सैयद शर्फुद्दीन शाह के स्थान पर हमेशा बिच्छू ही रहेंगे, पर सैयद शर्फुद्दीन शाह बाबा ने उनसे कहा कि मेरे स्थान पर रहने वाले बिच्छू कभी किसी को नहीं काटेंगे, यह बात आज तक सही साबित होती आई है। इस कारण ही बाबासैयद शर्फुद्दीन शाह विलायत की इस दरगाह में जाने वाले किसी भी व्यक्ति को यहां का कोई बिच्छू कभी नहीं काटता है, श्रद्धालुओं को एक निश्चित समय के लिए उन बिच्छुओं को घर ले जाने की इजाज़त भी है, लेकिन तय किये गए समय के बाद उन्हें वापस मज़ार पर नहीं छोड़ा गया तो वो इंसानों पर हमला कर देते हैं.
Number-2 हम्पी के संगीत वाले खम्बे:
हम्पी में भगवान विष्णु के अवतार विठ्ठल जी का विशाल मंदिर है, जो की 56 खम्बों वाला ये मंदिर पुरातन काल की शिल्प-कला का एक जीता-जागता खूबसूरत नूमना है, इसकी खूबसूरती से अलग एक जादुई बात ये भी है के, यहां मौजूद 56 खम्बों पर अगर हल्की चोट की जाए या फिर इसे छुआ जाये तो संगीत की सात ध्वनियां निकलती हैं, और इसके वजह से इन्हें सारेगामा पिलर्स भी कहा जाता है, जब अंग्रेजों को ये बात पता चली तो इस रहस्य को जानने के लिए दो खम्बों को काटकर देखा लेकिन सिर्फ खोखले दिखाई दिए, आज भी इन दोनों कटे हुए खम्बों को देखा जा सकता है.
Number-3 करिश्माई पत्थर:
पुणे में स्थित हज़रत कमर अली दरवेश की एक चर्चित दरगाह है पुणे में हज़रत कमर अली दरवेश की एक चर्चित दरगाह है, हजारों श्रद्धालु अपनी मन्नतों के साथ वहां जाते हैं, ऐसा माना जाता है कि वहां एक करिश्माई पत्थर है, जिसे एक बार में सिर्फ 11 लोग ही उठा सकते हैं, अगर 11 से ज़्यादा या कम लोग उस पत्थर को उठाने की कोशिश करते हैं तो, वो पत्थर नहीं उठता है, हैरान कर देने वाली बात ये है कि जब 11 लोग उसे उठाने की कोशिश करते हैं तो उसके वज़न का बिल्कुल भी एहसास नहीं होता, ऐसा करते हुए श्रद्धालु एक स्वर में हज़रत कमर अली दरवेश को याद करते हैं और एक साथ उठाते हैं, रोज़ाना सैकड़ों लोग इसे अजमाते हैं, मगर सबसे ज्यादा इंट्रेस्टिंग बात तो ये है के, अगर 11 से ज्यादा लोग उठाने की कोशिश करते हैं तो वो पत्थर नहीं उठता है, और इसके अलावा वहां एक ऐसी लैंप भी मौजूद है जो सालों से 24 घंटे तक जलती आ रही है.
Number-4 बैल का बढ़ता आकार:
देशभर में भगवान शिव के कई करिश्माई मंदिर मौजूद हैं, लेकिन आंध्र प्रदेश के कुरनूल में मौजूद यगंती मंदिर उनमें बेहद ख़ास है, ऐसा कहा जाता है के वहां मौजूद पत्थर के नंदी बैल का आकार साल दर साल बढ़ता जा रहा है, इसके कारण मंदिर प्रशासन को वहां मौजूद एक खम्बे को भी हटाना पड़ा, वहां रहने वाले लोगों के मुताबिक पहले वो नंदी बैल की परिक्रमा करते थे लेकिन बढ़ते आकार के कारण अब वो संभव नहीं है.
Number-5 शिवभक्त कोबरा:
तमिलनाडु के थेप्परुमनल्लुर स्थित शिव मंदिर में एक ऐसा करिश्मा देखने को मिलता है, जो सभी को चौंका देता है, साल 2010 में रोज़ाना की आरती के दौरान मंदिर में मौजूद पुजारी ने देखा कि एक कोबरा अपने मुंह से पेड़ से पत्ती तोड़कर शिवलिंग पर चढ़ा रहा है, ऐसा उसने एक बार नहीं दो बार नहीं बल्कि कई बार किया, इसके बाद ये आम लोगों के बीच बेहद चर्चा का विषय बन गया.
Number-6 सातवाँ दरवाज़ा:
तमिलनाडु में मौजूद प्राचीन मंदिर अनंतपद्मनाभ स्वामी को लेकर कई कहानियां प्रचलित हैं, वहां एक रहस्यमयी बहोत बड़ा दरवाज़ा मौजूद है, और ऐसा लोगों का कहना है कि, सिद्ध साधु ही गरुड़ मंत्र के ज़रिए इसे दरवाज़े को खोल सकता है, पर इस दरवाज़े के पीछे का सच क्या है ये किसी को अभी तक पता नहीं चल सका, कुछ लोगों का मानना है के दरवाज़े के पीछे से अरब सागर की आवाज़ें सुनाई देती हैं, पर वहीँ कुछ लोग ये भी कहते हैं के वो आवाज़ें वहां मौजूद सांपों की हैं.
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